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Ex:-6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन(Urbanization and Urban Life)

 Class10th History Notes In Hindi

शहरीकरण एवं शहरी जीवन

शहरीकरण का अर्थ है किसी गाव का शहर या कस्बे के रूप में विकसित होने की प्रक्रिया।

गावं गंज कस्बा शहर महानगर

*ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच विभिन्नता :-

गावं और शहर के बीच काफी भिन्नताएं है। गावं की आबादी कम होती हैनगर की ज्यादा। गावं में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है,तो शहर में व्यापार ,उत्पादन और नौकरी। गावं में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ है तो शहर में प्रदूषित। शिक्षा ,यातायात ,स्वास्थ सुविधाएँ आदि में शहर अधिक उन्नत है,जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इन बुनियादी सुविधाओं का आभाव रहता है। शहर व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए अंतहीन संभावनाएं प्रदान करता है,जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सिमित संभवनाएं होती है।

                               ग्रामीण जीवन में जहाँ सादगी व संतुष्टि देखने को मिलती है वही नगरीय जीवन में ज्यादा चमक-दमक व भागदौड़ तथा अंतहीन आवश्यकताओं के प्रति ललक देखने को मिलती है।

शहरीकरण की प्रक्रिया बहुत लम्बी रही है लेकिन आधुनिक शहर के उदय  इतिहास लगभग दो सौ वर्ष पुराना है।

तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में भूमिका निभाई।

1. औद्योगिक पूंजीवाद का उदय

2. विश्व के विशाल भूभाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना

3. लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास

आर्थिक तथा प्रशासनिक सन्दर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो मुख्य आधार है। 

1. जनसंख्या का घनत्व

2. कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात

गावों की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि संबंधी व्यवसाय से जुड़ा है।

*गावं :-ग्रामीण अंचल में एक छोटे नगर को माना जाता है जो स्थानीय विशिष्ट व्यक्ति का केंद्र होता है। गावं की मुख्य विशेषता कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है ,जो मूलतः जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था पर आधारित है।

*गंज :-गंज एक छोटे स्थायी बाजार को कहा जाता है। गंज कपडा ,फल ,सब्जी ,दूध एवं अन्य प्रकार के उत्पादों से सबंद्ध थे।

*महानगर :-किसी प्रांत या देश का विशाल और घनी आबादी वाला शहर जो प्रायः वहाँ की राजधानी भी होता है।

*इंग्लैंड :-औद्योगीकरण ने शहरीकरण के स्वरुप को गहन रूप से पभावित किया है। 1850 तक अधिकांश पश्चिमी शहर लगभग ग्रामीण किस्म के शहर ही थे।

1851 में मैनचेस्टर में रहने वाले तीन चौथाई से आधीक लोग ग्रामीण इलाकों से आए प्रवासी मजदुर थे।

 1750 तक इंग्लैंड और वेल्स का हर नौ में से एक व्यक्ति लन्दन में रहता था,जिसकी आबादी 675000 तक थी।

1810 से 1880 तक उसकी आबादी की संख्या 10 लाख से बढ़कर 40 लाख हो चुकी थी।

लन्दन के पाँच प्रमुख उद्योगों में-छपाई और स्टेशनरी उद्योग,परिधान और जूता उद्योग ,धातु एवं इंजीनियरिंग उद्योग ,लकड़ी व फर्नीचर उद्योग तथा चिकित्सा उपकरण थी।

*टेनमेंट्स :-कामचलाऊ और अक्सर भीड़ वाले अपार्टमेंट मकान।ऐसे मकान बड़े शहरों के गरीब इलाके में अधिक पाए जाते थे।

1870ई० के दशक में लन्दन में कम से कम बीस हजार अपराधी रहते थे ,जिनकी अपराधों से ही अपनी आजीविका चलाते थे।

1870 में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कानून और 1902 से लागु किए गए फैक्ट्री कानून के बाद बच्चों को औद्योगिक कामों से बाहर रखने की व्यवस्था कर दी गई।

दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन 10 जनवरी 1863 को किया गया।यह रेल लाइन लन्दन  पैडिंगल और कैरिंगटन स्ट्रीट के बीच स्थित थी।

1880 तक भूमिगत रेल नेटवर्क का विस्तार हो चूका था जिसमें सालाना चार करोड़ लोग यात्रा करते थे। 


10th All Chapters History Notes In Hindi

*व्यक्तिवाद :-वह सिद्धांत जिससे समुदाय की नहीं बल्कि व्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार को स्वीकार किया जाता है।

*घेटो :-यह शब्द मध्य यूरोपीय शहरों में यहूदियों की बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता है। 

*पूंजीपति वर्ग :-शहरों  उद्भव का एक प्रमुख कारण व्यवसायिक व पूंजीपति वर्ग के उदय के साथ संभव हुआ। यह वर्ग शहरों में उत्पादन एवं व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े थे। इनकी समाज में काफी प्रतिष्ठा थी। शहरी समाज में यह वर्ग नए सामाजिक शक्ति के रूप में उभरकर आये।

*मध्यम वर्ग :-शहरीकरण की प्रक्रिया ने मध्यम वर्ग को शक्तिशाली बनाया। शहरों में एक शिक्षित मध्यम वर्ग का उदय हुआ,जो बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किये गए। यह वर्ग वेतनभोगी के रूप में विभिन्न पदों पर कार्यरत थे।

जैसे:-शिक्षक ,क्लर्क ,इंजिनियर ,वकील आदि

*श्रमिक वर्ग :-आधुनिक शहरों में जहाँ एक ओर पूंजीपति वर्ग का उदय हुआ तो दूसरी ओर श्रमिक वर्ग का। यह वर्ग कारखानो में मजदुर के रूप में काम करते थे ,जिनका मालिकों द्वारा अत्यधिक शोषण किया जाता था।

इंग्लैंड में 1825 में सरकार को मजदूरों के वेतन बढ़ाने तथा काम के घंटे कम करवाने के लिए तथा संगठित ढंग से काम करने का अधिकार स्वीकार करना पड़ा।

*औपनिवेशिक भारतीय शहर-बम्बई

पश्चिमी यूरोपीय शहरों के विपरीत भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया धीमी रही। बीसवीं शताब्दी के शुरुआत में केवल 11 प्रतिशत लोग शहर में रहते थे।

बम्बई भारत का एक प्रमुख शहर था,शुरुआत में बम्बई सात टापुओं का इलाका था।

बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी। बम्बई भारत का एक प्रमुख बंदरगाह था,जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक मुख्य केंद्र था। यहाँ से कपास और अफीम  वस्तुओं का निर्यात किया जाता था।

1854 में पहला कपडा मिल स्थापित हुआ और 1921 तक वहाँ 85 कपडा मिलें खुल चुकी थी।

1800 के आसपास बम्बई फोर्ट-एरिया शहर का केंद्र था,जो दो भागों में बंटा था। एक भाग ने नेटिव(स्थानीय निवासी) रहते थे और दूसरे भाग में यूरोपीय या गोरे रहते थे।

1898 में सिटी ऑफ़ बॉम्बे इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की स्थापना की गई।

1918 में बम्बई के मकानों के महगें किराये को सिमित करने के लिए किराया कानून पारित किया गया।

*भूमि विकास :-दलदली अथवा डूबी हुई जमीन को रहने या खेती करने या किसी अन्य काम के योग्य बनाना।

1784 में भूमि विकास परियोजना लागु की गई।

 *सिंगापूर

सिंगापूर एक सुनियोजित शहर है,जो विश्व भर में नगर विकास के आदर्श को प्रस्तुत करता है।

1965 तक सिंगापूर एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था।

1965 में पीपुल्स एक्शन पार्टी के अध्यक्ष ली कुआन येव के नेतृत्व में जब सिंगापूर को आजादी मिली तब एक विशाल आवास एवं विकास कार्यक्रम शुरू किया गया जिसने इस द्वीप राष्ट्र  नया आयाम दिया।

1860 तक पेरिस के प्रत्येक पाँच कामकाजी लोगों में से एक निर्माण कार्यो में लगाया गया।

बेरॉन हॉसमान ने पेरिस के पुनिर्माण का काम किया।

पेरिस ऐसी राजधानी के रूप में जाना जाता है,जो केवल वास्तुकला के लिए नहीं बल्कि सामाजिक और बौद्धिक केंद्र के रूप में विख्यात है।

*पाटलिपुत्र(पटना)

बिहार में पटना नगर का विकास शहरीकरण की इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण उदहारण प्रस्तुत करता है।

प्राचीनकाल में पाटलिपुत्र के नाम से विख्यात यह एक महानगर था जिसकी तुलना विश्व के समकालीन सुप्रसिद्ध नगरों से की जाती थी।

इसकी स्थापना छठी शताब्दी में मगध के शासक अजातशत्रु के द्वारा एक सैनिक शिविर के रूप में की गई थी। और यह मगध साम्राज्य की राजधानी बना।

मौर्यकालीन राज-प्रसाद के अवशेष दक्षिण पटना में स्थित कुम्हरार से प्राप्त हुए है।

इस नगर के प्रशासन और जीवन के अनेक पहलुओं की विस्तृत चर्चा मेगस्थनीज की रचना इन्डिका में है।

1856 में अंग्रेज यात्री राल्फ फिच ने इस नगर का भ्रमण किया और बताया की यहाँ से कपास,सूती वस्त्र ,चीनी और अफीम का व्यापार बड़ी मात्रा में बंगाल एवं दूसरे क्षेत्रों के साथ होता है था। इसके अतिरिक्त शोरा और निल का भी निर्यात अधिक मात्रा में पटना से होता था।

पटना नगर में 1666ई० में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री गोविन्द सिंह का जन्म हुआ।

अनाज भण्डारण के लिए गोदाम का निर्माण 1786ई० में किया गया जो आज गोलघर के नाम से विख्यात है।

1774ई० में रेगुलेटिंग एक्ट के अंतर्गत बिहार के प्रशासन के लिए कई व्यवस्था लागु हुई। 

1911 के दिल्ली दरबार में बिहार एवं उड़ीसा को बंगाल से पृथक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ और पटना इसकी राज्यधानी बनी।

वर्तमान पटना की आबादी 12 लाख से अधिक और इसका क्षेत्र 250 वर्ग किलोमीटर है।

कोलकाता के बाद यह पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नगर है और आबादी के घनत्व के दृष्टिकोण से यह भारत का 14वां सर्वाधिक आबादी वाला नगर है।

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