भारत :संसाधन एवं उपयोग
*संसाधन(Resources):-प्रकृति से प्राप्त विभिन्न वस्तुएँ जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त होती है,जिनको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी (Technology) उपलब्ध है,संसाधन कहलाते है |
या,हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर वह वस्तु संसाधन कहलाती है जिसका इस्तेमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करते है |
⇒संसाधन भौतिक और जैविक दोनों हो सकते है |
भौतिक संसाधन:-भूमि ,मृदा ,जल ,खनिज
जैविक संसाधन :-वनस्पति ,वन्य-जीव तथा जलीय-जीव
प्रसिद्ध भूगोलविद ,जिम्मरमैन का कथन है की "संसाधन होते नहीं बनते है | "संसाधन का वर्गीकरण :-
→संसाधन का वर्गीकरण के निम्नलिखित आधार है |
- उत्पति के आधार पर
- उपयोगिता के आधार पर
- स्वामित्व के आधार पर
- विकास की स्थिति के आधार पर
(i)जैव संसाधन(Bio resources):-वैसे संसाधन जो जैव मंडल से मिलते है,इनमे सजीव के सभी लक्षण मौजुद होते है |
जैसे :-मनुष्य ,वनस्पति ,मतस्य ,पशुधन आदि
(ii)अजैव संसाधन(Abiotic resources) :-वैसे संसाधन जो निर्जीव पदार्थो से मिलते है |
जैसे :-मिट्टी ,हवा ,पानी ,धातु ,पत्थर आदि
*उपयोगिता के आधार पर संसाधन के दो वर्ग होते है :-
(i)नवीकरणीय संसाधन(Renewable resources) :-वैसा संसाधन जिन्हे हम भौतिक ,रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रिया द्वारा पुनः प्राप्त किया जा सकता है,नवीकरणीय संसाधन कहलाता है |
जैसे :-सौर ऊर्जा ,पवन ऊर्जा ,जल ऊर्जा आदि
(ii)अनवीकरणीय संसाधन(Non-renewable resources) :-वैसे संसाधन जिन्हे हम किसी भी तरीके से पुनः प्राप्त नहीं कर सकते है ,अनवीकरणीय संसाधन कहलाता है |
जैसे :-जीवाश्म ईंधन
*स्वामित्व के आधार पर संसाधन चार प्रकार के हो सकते है :-
(i)व्यक्तिगत संसाधन(Personal resource) :-ऐसे संसाधन जो किसी खास व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र में होता है,व्यक्तिगत संसाधन कहलाता है |
या,जिसपर लोगो का निजी स्वामित्व होता है |
जैसे :-भूखंड ,बगीचा ,तालाब ,इत्यादि
(ii)समुदायिक संसाधन(Community Resources) :-वैसे संसाधन जिनका उपयोग समुदाय के सभी लोग करते है,समुदायिक संसाधन कहलाता है |
जैसे :-खेल का मैदान ,सार्वजानिक पार्क ,मंदिर ,मस्जिद इत्यादि
(iii)राष्ट्रीय संसाधन(National resource) :-किसी भी प्रकार के संसाधन जो राष्ट्र की भौगोलिक सिमा के भीतर मौजूद हो,राष्ट्रीय संसाधन कहलाता है |
(iv)अंतर्राष्ट्रीय संसाधन(International resources) :-वैसा संसाधन जिनका नियंत्रण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है |
जैसे :-समुद्री क्षेत्र ,किसी भी देश की तट रेखा से 200 Km आएगी के समुद्री क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र होता है |
NOTE :-(i)किसी राजनितिक सिमा के अंतर्गत भूमि , खनिज पदार्थ ,जल संसाधन ,वन व वन्यजीव एवं समुद्री जीव (200 Km महासागरीय क्षेत्र तक) राष्ट्रीय संसाधन है |
(ii)किसी देश की तट रेखा से 200 Km की दुरी तक का क्षेत्र 'अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र ' के नाम से जाना जाता है |
*विकास की स्थिति के आधार पर भी संसाधन को चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है :-
(i)संभावी संसाधन(Potential resource) :-ऐसे संसाधन ,जो किसी प्रदेश में विद्यमान (स्थीत) होते है ,परन्तु इनका उपयोग नहीं किया गया है संभावी संसाधन कहलाते है |
जैसे :-हिमालय क्षेत्र का खनिज
(ii)विकसित संसाधन(Developed resources) :-वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है ,विकसित संसाधन कहलाते है |
(iii)भंडार(Store) :-वे संसाधन जो,पर्यावरण में उपलब्ध वे पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते है परन्तु उपयुक्त प्रौद्योगिकी (तकनीक) के अभाव में उसकी पहुँच से बाहर हो,भंडार कहलाता है |
जैसे :-जल,हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का यौगिक
(iv)संचित कोष संसाधन(Accumulated fund resources) :-संचित कोष संसाधन,भंडार संसाधन का ही अंश है जिसे उपलब्ध तकनीक के अधार पर प्रयोग में लाया जा सकता है |
*संसाधन नियोजन(Resource planning) :-ऐसे उपाय अथवा तकनीक जिसके द्वारा संसाधनों का उचित प्रयोग सुनिश्चित किया जा सके|
*संसाधन संरक्षण(Resource Conservation) :-संसाधनों का न्यासंगत तथा योजनावद्ध प्रयोग ,जिससे संसाधनों का अपत्याय न हो |
या,संसाधनों का नियोजित एवं विवेकपूर्ण उपयोग ही संसाधन संरक्षण कहलाता है |
*सत्तत्त विकास(Sustainable Development) :-विकास की वह अवधारणा है,जिससे पर्यावरण को हानि न पहुंचे तथा वर्तमान में किये जा रहे विकास के द्वारा भावी पीढ़ी की आवश्यकताओंको कायम रखा जा सके |
कुछ महत्वपूर्ण बिंदुएँ :-
कुछ महत्वपूर्ण बिंदुएँ :-
- राष्टीय संपदा के उदहारण :-सारे खनिज पदार्थ,जल संसाधन ,वन्य ,वन्य जीवन ,राजनीतिक ,सीमाओं के अंदर सारी भूमि और 12 समुद्री मील (19.2 Km)तक महासागरीय क्षेत्र (भू-भागीय समुद्र) व इससे पाए जाने वाले संसाधन राष्ट्र कि संपदा है |
- मानव एवं तकनीक की शोषणात्मक दोहन प्रवृति डाकुओं की अर्थव्यवस्था से है |
- पर्यावरण संरक्षण हेतु सर्वप्रथम विश्व शिखर सम्मेलन स्टॉकहोम में 1972 ई० में आयोजित हुआ था |
- इस सम्मेलन के बाद प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है |
- पर्यावरण में प्रदुषण के कारण पूरी पृथ्वी प्रदूषित हो रही थी ,इसी को मद्देनजर रखते हुए सन 1992 में ब्राजील के रियो -डी -जेनेरो शहर में विश्व के 172 देशों ने पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया था |
प्रथम पृथ्वी सम्मेलन - 1992 -रियो -डी -जेनेरो
द्वितीय पृथ्वी सम्मेलन - 1997 - नूयार्क
तृतीय पृथ्वी सम्मेलन - 2002 - जोंहासवर्ग
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