*रासायनिक समीकरण को दो भागो में बाँटा गया है |
- संतुलित रासायनिक समीकरण (Balanced Chemical Equation)
- असंतुलित रासायनिक समीकरण(Unbalanced Chemical Equation)
जैसे:- H2 + Cl2 → 2Hcl
(2)असंतुलित रासायनिक समीकरण:-वैसी रासायनिक समीकरण जिसमे दोनों ओर तत्वों की परमाणुओं की संख्या असमान होती है,असंतुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है |
जैसे :- N2
+ H2 → NH3
रासायनिक समीकरण को संतुलित करने की विधि :-
(i)रासायनिक समीकरण में जो तत्व के परमाणु संतुलित रहे उसे छोड़ देते दे |
(ii)रासायनिक समीकरण में जो तत्व के परमाणु असंतुलित हो उसे संतुलित करेंगे |
(iii)असंतुलित को संतुलित करने के दौरान अगर कोई तत्व के परमाणु असंतुलित हो जाता है तो पुनः उसे फिर से संतुलित करेंगे |
KClO3 → KCl + O2
2KClO3 → 2KCl + 3O2
2KClO3 → 2KCl + 3O2
*रासायनिक समीकरण से प्राप्त होने वाली सूचनाएँ :-
→किसी रासायनिक समीकरण से हमें निम्नलिखित सूचनाएँ प्राप्त होती है |
(i)रासायनिक समीकरण से हमें अभिकारक एवं प्रतिफल के संकेतो की जानकारी मिलती है |
(ii)रासायनिक समीकरण के अभिक्रिया में कौन - कौन से पदार्थ भाग लेते है और कौन नए पदार्थ का निर्माण करते है इसकी जानकारी मिलती है|
(iii)रासायनिक समीकरण की अभिक्रिया से अभिकारकों तथा प्रतिफलो के अणुओं एवं परमाणु की संख्या क जानकारी मिलती है |
(iv)यह अभिकारकों और प्रतिफलों के मोलो के अनुपात की जानकारी देता है |
(v)यह अभिकारकों और प्रतिफलों के द्रव्यमान के अनुपात की जानकारी देता है |
(vi)यह गैसीय अभिकारकों और प्रतिफलो के आपेक्षित आयतन की जानकारी देता है |
जैसे :- N2 + 3H2 → 2NH3
2परमाणु 2परमाणु 2अणु
1मोल 3मोल 2मोल
28g 6g 34g
1आयतन 3आयतन 2आयतन
STP -22.4 l 3 x 22.4 L 2 x 22.4 L
*रासायनिक समीकरण के उपयोग से लाभ :-
→रासायनिक समीकरण के उपयोग से निम्नलिखित प्रकार से लाभ हुई -
(i)रासायनिक अभिक्रिया के समीकरण को लिखना असान हो गया |
(ii)याद करने में समय की बचत हुई और आसानी से लिखा जा सकता है |
(iii)रासायनिक समीकरण की सहायता से प्रतिफलों के निश्चित द्रव्यमान का पता चलता है| और कितना -कितना द्रव्यमान के होते है वो भी पता चलता है |
(iv)पुरे विश्व में रासायनिक संकेतो का उपयोग होता है जिससे जानकारी प्राप्त करने में कठिनायँ नहीं होती है |
*रासायनिक समीकरण की सीमाएँ:-
(i)रासायनिक समीकरण से अभिकारकों और प्रतिफलों की भौतिक अवस्था की जानकारी नहीं मिलती है |
(ii)अभिक्रिया से पता नहीं चलता है की अभिक्रिया किन दिशाओं (ताप,दाव ,सांद्रण /उत्प्रेरक)में संभव है |
(iii)अभिक्रिया के फलस्वरूप ऊष्मा उत्सर्जित या अवशोषित का पता नहीं चलता है |
(iv)रासायनिक समीकरण अभिक्रिया के दौरान वेग का पता नहीं चलता है |
(v)कुछ ऐसे पदार्थ है जो रसायनीक अभिक्रिया के दौरान विस्फोट के साथ होती है इस बात को भी नहीं बतलाता है |
ठोस = (s) = Solid
द्रव = (s) = Liquied
गैस = (g) = Gas
जलिय विलयन = (aq) = Aqueous solution
जैसे :- CaCo3 (s) → CaO (s) + Co2 (g)
(ii)ऊष्माक्षेपी तथा उष्माशोषि अभिक्रिया की जानकारी देकर ⇒ रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्सर्जित या अवशोषित उष्मा की जानकारी हम इस प्रकार दे सकते है अगर समीकरण के दायीं ओर +ऊष्मा देंगे तो ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाएगी और समीकरण के वायीं और +ऊष्मा देंगे तो ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है |
जैसे :- C + O2 → CO2 + ऊष्मा(ऊष्माक्षेपी)
(iii)गैस के उत्सर्जन की जानकारी ⇒किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान कोई गैस निकलती है तो उसके संकेत के ठीक बगल में ऊपर की ओर (↑) का निशान देंगे,जिससे पता चलता है की कौन-सी गैस उत्सर्जित होती है |
जैसे :- Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2↑
(iv)अवक्षेप बनने की जानकारी ⇒यदि किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान कोई अवक्षेप निकलना चाहती है तो उस के ठीक बगल में निचे की ओर तीर (↓)का निशान देंगे |
जैसे :-AgNO3 + HCl → AgCl ↓ + HNO3
(v)अभिक्रियाओं की शर्तो की जानकारी ⇒किसी भी रासायनिक अभिक्रिया की शर्तो की जानकारी (ताप,दाब,उत्प्रेरक)अभिकारक और प्रतिफल के बिच व्यवस्थिक तीर का निशान के ऊपर या निचे दर्शाएंगे |
ताप +दाब
जैसे :- A+B -----------------→C+D
उत्प्रेरक
(vi)अभिक्रिया की उत्क्रमणीयता की जानकारी ⇒किसी रासायनिक अभिक्रया के दौरान अगर कोई अभिक्रिया उत्क्रमणीय हो तो अभिकारक उत्क्रमणीय हो तो अभिकारक और प्रतिफल के बिच में एक -दूसरे के विपरीत दिशा में दो तीर का (⇌)निशान देंगे |
जैसे :- A+B ⇌ C+D
N2 +3H2 ⇌ 2NH3
*उत्क्रमणीय अभिक्रिया(Reversible Reaction):-वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे अभिकारक क्रिया कर प्रतिफल का निर्माण करती है और प्रतिफल पुनः अभिक्रिया कर अभिकारक का निर्माण करती है ,वैसी रासायनिक अभिक्रिया उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है |
जैसे :- N2 +3H2 ⇌ 2NH3
*अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया(Irreversible Reaction):-वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे अभिकारक क्रिया कर प्रतिफल का निर्माण करती है | और प्रतिफल पुनः अभिक्रिया कर अभिकारक का निर्माण नहीं करती है,वैसी रासायनिक अभिक्रिया अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है |
(i)रासायनिक समीकरण से हमें अभिकारक एवं प्रतिफल के संकेतो की जानकारी मिलती है |
(ii)रासायनिक समीकरण के अभिक्रिया में कौन - कौन से पदार्थ भाग लेते है और कौन नए पदार्थ का निर्माण करते है इसकी जानकारी मिलती है|
(iii)रासायनिक समीकरण की अभिक्रिया से अभिकारकों तथा प्रतिफलो के अणुओं एवं परमाणु की संख्या क जानकारी मिलती है |
(iv)यह अभिकारकों और प्रतिफलों के मोलो के अनुपात की जानकारी देता है |
(v)यह अभिकारकों और प्रतिफलों के द्रव्यमान के अनुपात की जानकारी देता है |
(vi)यह गैसीय अभिकारकों और प्रतिफलो के आपेक्षित आयतन की जानकारी देता है |
जैसे :- N2 + 3H2 → 2NH3
2परमाणु 2परमाणु 2अणु
1मोल 3मोल 2मोल
28g 6g 34g
1आयतन 3आयतन 2आयतन
*रासायनिक समीकरण के उपयोग से लाभ :-
→रासायनिक समीकरण के उपयोग से निम्नलिखित प्रकार से लाभ हुई -
(i)रासायनिक अभिक्रिया के समीकरण को लिखना असान हो गया |
(ii)याद करने में समय की बचत हुई और आसानी से लिखा जा सकता है |
(iii)रासायनिक समीकरण की सहायता से प्रतिफलों के निश्चित द्रव्यमान का पता चलता है| और कितना -कितना द्रव्यमान के होते है वो भी पता चलता है |
(iv)पुरे विश्व में रासायनिक संकेतो का उपयोग होता है जिससे जानकारी प्राप्त करने में कठिनायँ नहीं होती है |
*रासायनिक समीकरण की सीमाएँ:-
(i)रासायनिक समीकरण से अभिकारकों और प्रतिफलों की भौतिक अवस्था की जानकारी नहीं मिलती है |
(ii)अभिक्रिया से पता नहीं चलता है की अभिक्रिया किन दिशाओं (ताप,दाव ,सांद्रण /उत्प्रेरक)में संभव है |
(iii)अभिक्रिया के फलस्वरूप ऊष्मा उत्सर्जित या अवशोषित का पता नहीं चलता है |
(iv)रासायनिक समीकरण अभिक्रिया के दौरान वेग का पता नहीं चलता है |
(v)कुछ ऐसे पदार्थ है जो रसायनीक अभिक्रिया के दौरान विस्फोट के साथ होती है इस बात को भी नहीं बतलाता है |
*रासायनिक समीकरण को अधिक उपयोग कैसे बनाया जाता है |
(i)अभिकारकों एवं प्रतिफलों की भौतिक अवस्था की जानकारी देकर ⇒अभिकारकों एवं प्रतिफलों की भौतिक अवस्था की जानकारी उसके सुत्र के आगे ठोस रहे तो (s),गैस रहे तो (g),द्रव रहे तो (l) तथा जलीय विलयन रहे तो (aq)से सूचित करते है |ठोस = (s) = Solid
द्रव = (s) = Liquied
गैस = (g) = Gas
जलिय विलयन = (aq) = Aqueous solution
जैसे :- CaCo3 (s) → CaO (s) + Co2 (g)
(ii)ऊष्माक्षेपी तथा उष्माशोषि अभिक्रिया की जानकारी देकर ⇒ रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्सर्जित या अवशोषित उष्मा की जानकारी हम इस प्रकार दे सकते है अगर समीकरण के दायीं ओर +ऊष्मा देंगे तो ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाएगी और समीकरण के वायीं और +ऊष्मा देंगे तो ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है |
जैसे :- C + O2 → CO2 + ऊष्मा(ऊष्माक्षेपी)
N2 + O2 + ऊष्मा → 2NO(उष्माशोषि)
जैसे :- Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2↑
जैसे :-AgNO3 + HCl → AgCl ↓ + HNO3
ताप +दाब
जैसे :- A+B -----------------→C+D
उत्प्रेरक
(vi)अभिक्रिया की उत्क्रमणीयता की जानकारी ⇒किसी रासायनिक अभिक्रया के दौरान अगर कोई अभिक्रिया उत्क्रमणीय हो तो अभिकारक उत्क्रमणीय हो तो अभिकारक और प्रतिफल के बिच में एक -दूसरे के विपरीत दिशा में दो तीर का (⇌)निशान देंगे |
जैसे :- A+B ⇌ C+D
N2 +3H2 ⇌ 2NH3
जैसे :- N2 +3H2 ⇌ 2NH3
*अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया(Irreversible Reaction):-वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमे अभिकारक क्रिया कर प्रतिफल का निर्माण करती है | और प्रतिफल पुनः अभिक्रिया कर अभिकारक का निर्माण नहीं करती है,वैसी रासायनिक अभिक्रिया अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है |
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